श्राद्ध कर्म करना सदा,रखना तुम यह याद पितरों के सत्कर्म से,मिट जाए अवसाद।। पितृदेव: श्राद्ध कर्म करना सदा,रखना तुम यह याद पितरों के सत्कर्म से,मिट जाए अवसाद।। ...
है पितृ पक्ष करना पिंडदान गोलोकवासी! है पितृ पक्ष करना पिंडदान गोलोकवासी!
सोचा था इस तरह मुक्त हो जाऊँगा मैं पितृ ऋण से किया वही जो कर रहे सदियों से नहीं भिन्न सोचा था इस तरह मुक्त हो जाऊँगा मैं पितृ ऋण से किया वही जो कर रहे सदियों से नहीं...
एक गुरुत्वाकर्षण बल जो रहे कार्यरत दो ग्रहों के मध्य सतत। एक गुरुत्वाकर्षण बल जो रहे कार्यरत दो ग्रहों के मध्य सतत।
मुक्तिप्रद तीर्थ गया में अंतिम पिंड का प्रत्यक्षदर्शी गयावट ही है...! मुक्तिप्रद तीर्थ गया में अंतिम पिंड का प्रत्यक्षदर्शी गयावट ही है...!
दान कैसा भी हो हरेक दान का अपना महत्व है. दान कैसा भी हो हरेक दान का अपना महत्व है.